नागपुर न्यूज डेस्क: अकोला पारिवारिक न्यायालय द्वारा 15 हजार रुपये प्रति माह खावटी महिला को देने का आदेश, मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बरकरार रखा है। इस मामले में न्यायमूर्ति जी.ए. सानप के समक्ष सुनवाई हुई। जानकारी के अनुसार, पति अमोल गजानन दाबेराव ने 19 मार्च 2019 को पारिवारिक न्यायालय से महिला को 15 हजार रुपये मासिक खावटी देने का आदेश मिलने के बाद इसे चुनौती दी थी।
अकोला पारिवारिक न्यायालय ने अमोल दाबेराव को आदेश दिया था कि वह अपनी पत्नी को 15 हजार रुपये प्रति माह दें। हाईकोर्ट ने अमोल के शासकीय कर्मचारी होने को ध्यान में रखते हुए यह आदेश बनाए रखा और महिला के पक्ष में फैसला दिया। महिला की तरफ से एडवोकेट स्वप्नील वानखड़े ने मामले की पैरवी की थी।
इसी बीच, महिला ने घरेलू हिंसा के तहत एक दूसरी याचिका दायर की थी, जिसमें उसने पति, सास-ससुर और ननद के खिलाफ बालापुर न्यायालय में मुकदमा चलाया। बालापुर न्यायालय ने इस मामले में भी महिला को 5 हजार रुपये खावटी की मंजूरी दी थी। अमोल ने इस आदेश को चुनौती देते हुए अकोला सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है।
अकोला पारिवारिक न्यायालय और अन्य न्यायालयों में चल रहे मामलों से यह साफ है कि महिला अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही है, और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से वह अपनी मासिक खावटी की राशि की सुरक्षा की कोशिश कर रही है। अब यह देखना होगा कि सत्र न्यायालय में अमोल का याचिका के बाद क्या फैसला आता है।